रांची : देश में बेरोजगारी का आलम यह है की अगर सफाईकर्मी का भी को पोस्ट निकलता है जो की 8वीं पास वाले उम्मीदवारों के लिए होती है उसके लिए भी उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगार युवा फॉर्म भरता है ताकि किसी भी तरह सरकारी नौकरी लग जाये और जीवन थोड़ा बेहतर चल सके। लेकिन झारखण्ड में इसके उलट एक प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसके अनुसार मैट्रिक लेवल के एग्जाम में सिर्फ मैट्रिक तक वाले ही फॉर्म भरें और एग्जाम दें। उच्च स्तरीय शैक्षणिक योग्यता वाले मैट्रिक स्तरीय परीक्षा में न बैठे और मैट्रिक स्तरीय पदों पर मैट्रिक स्तरीय उम्मदीवारों के लिए आरक्षित किया जाये।
कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने प्रतियोगिता परीक्षा के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें कहा गया है की मैट्रिक स्तरीय परीक्षा में उच्च स्तरीय शैक्षणिक योग्यता वाले उम्मीदवार उस परीक्षा में बैठे। उच्च स्तरीय शैक्षणिक योग्यता वाले उम्मीदवार को मैट्रिक स्तरीय परीक्षा में भाग नहीं लेने देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव के पीछे तर्क है की झारखण्ड के आदिवासी और मूल निवासी कम पढ़े लिखे होते है और मैट्रिक स्तरीय परीक्षा में उच्च स्तरीय छात्र उनकी हकमारी कर लेते हैं।
इसपर चीफ सेक्रेटरी ने सवाल उठाते हुए कहा है की अगर कोई उम्मीदवार स्नातक पास है और डिग्री छुपाकर परीक्षा में शामिल होता है तो वह कैसे पता चलेगा। इसपर निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है।
खबर सूत्र : दैनिक भास्कर रांची
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