रांची : झारखण्ड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष श्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार से पूछा कि किसानों की जमीन हड़पकर कौन से विकास का ढोल पीटना चाह रही है हेमंत सरकार। यह जमीन पर पीढ़ी दर पीढ़ी किसानों ने अपना खून-पसीना बहाया है और आज केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए उनसे यह जमीन छीनी जा रही है।
उन्होंने कहा “1956 में तब बिहार सरकार ने भी इस जमीन की मांग जाहिर की थी परन्तु किसानों और ग्रामीणों के विरोध आदि के उपरांत उन्होंने इस जमीन को एक्वायर नहीं करने की अनुमति दे दी। लेकिन हेमंत सरकार के काल में किसानों की आवाज पर महज पुलिस की लाठियां चल रही है। आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। आदिवासियों एवं किसानों के जमीन से जुड़ी मांगे, आदिवासियों के जमीन उनके हिस्से में ही रहे। यह मूल झारखंड की तस्वीर के लिए अत्यधिक आवश्यक है।
नगड़ी की जमीन आदिवासियों की रैयती खतियानी भूमि है। भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि राज्य सरकार आदिवासियों की जमीन हड़पने की कोशिश बंद करे और 2012 से पूर्व की व्यवस्था के अनुसार पुनः मालगुजारी रसीद काटने की प्रक्रिया शुरू करे।”
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