झारखंड में मोब लिंचिंग को लेकर कड़ा कानून बनने वाला है. मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए सरकार द्वारा झारखंड विधानसभा में “भीड़, हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021” का प्रस्ताव रखा गया. जिसे आज मानसून सत्र के चौथे दिन सदन ने पारित कर दिया है.
इस कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को उम्र कैद की सजा और 25 लाख रुपए तक की जुर्माना हो सकती है.
संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने विधेयक के प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखा और यह विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया। अब राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद कानून बन जायेगा।
भीड़, हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021
• 2 या उससे अधिक व्यक्तियों को मोब कहा गया है
• पीड़ित व्यक्ति की मौत होने पर दोषी को सश्रम उम्र कैद के साथ ₹5 लाख तक का जुर्माना. जुर्माने की राशि 25लाख तक बढ़ाई जा सकती है
• पीड़ित व्यक्ति को गंभीर चोट आने पर दोषी को 10 वर्ष की सजा या उम्रकैद हो सकती है साथ ही 2-3लाख जुर्माना भी
• लिंकिंग के लिए उकसाने का दोषी पाए जाने पर 3 साल की सजा और ₹ 3लाख रुपए जुर्माना
• लिंचिंग का सबूत मिटाने का दोषी पाए जाने पर 1 साल की जेल और 50 हजार जुर्माना
• लिंचिंग का षड्यंत्र करना, शामिल होना का दोषी होने पर उम्रकैद
• मोब लिंचिंग से जुड़े सभी अपराध गैर जमानती
• नोडल अधिकारी की होगी नियुक्ति , नोडल अधिकारी जिलों में स्थानीय खुफिया इकाइयों के साथ महीने में एक बार बैठक करेंगे. बैठक में ऐसी सभी आशंकाओं, संभावनाओं प्रवृतियों को रोकने के लिए चिन्हित करेंगे
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