रांची : अब झारखण्ड के दूरस्थ और दुर्गम गावों में भी अँधेरा में उजाला दिखेगा। राज्य सरकार झारखण्ड के उन गावों में सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाने की योजना पर कार्य कर रही है जहां ग्रिड के माध्यम से बिजली नहीं मिलती है। ऐसे में वैसे गांव जो जंगल पहाड़ में है वहां भी बिजली मिल सकेगी।
राज्य सरकार गावों में ही सौर ऊर्जा उत्पादन करने की तैयारी कर रहा है। इस कार्य के लिए झारखण्ड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (JREDA) और
झारखण्ड स्टेट लिवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) को इसकी जिम्मेवारी दी गई है और गावों का सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा सके। इस योजना के तहत 100 गावों को जोड़ने की तैयारी चल रही है।

इस योजना के पहले चरण में अब तक करीब 100 गांवों सौर ऊर्जा के इस योजना से जोड़ा जा चूका है। इस योजना के प्रथम चरण के तहत उन गावों को प्राथमिकता दी गयी जहां ग्रिड के माध्यम से बिजली नहीं मिलती है या जो क्षेत्र ग्रिड से कनेक्टेड नहीं है।
सौर ऊर्जा से 1000 गांव जुड़ेंगे
इस योजना के तहत करीब 1000 गांव को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाना है। इसके लिए पांच वर्ष का कार्यविधि निर्धारित किया गया है। साथ ही सौर ऊर्जा से 5000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही गावों में स्ट्रीट लाइट और हाई मास्ट लाइट देने की योजना है।
अन्य गांवों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस योजना के तहत दुर्गम और दूरस्थ गावों को प्राथमिकता दिया जायेगा।
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