रांची : झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम और निवारण के उपाय) विधेयक-2023 गुरुवार को विधानसभा से पास हो गया। झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल रोकने के लिए इस कानून को लाया गया है। अब राज्यपाल की मंजूरी और गजट प्रकाशन के बाद यह कानून लागू हो जाएगा। इस विधेयक को विपक्ष ने काला कानून बताया है। इस विधेयक के विरोध में भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा का शिष्टमंडल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से मुलाकात कर विधेयक के खामियों को बताया है। भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से आग्रह किया है की पहले समीक्षा करें उसके बाद निर्णय लें।
भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर बताया– “नकल विधेयक” एक काला क़ानून है जिसे सरकार अपने विरुद्ध उठने वाली हर आवाज़ को दबाएगी। छात्रों के विरोध को इस कानून के आड़ में कुचला जाएगा और निर्दोष विद्यार्थियों का जीवन बर्बाद किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी की यही मंशा है। इसी संबंध में आज अपने विधायकगणों के साथ माननीय राज्यपाल महोदय से भेंट कर उन्हें पत्रक सौंपा तथा इस काले कानून के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।”
सीएम हेमंत सोरेन : किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक होना, युवाओं की अथाह मेहनत और उनके सपनों को ध्वस्त करने जैसा होता है।
विधेयक के प्रावधान
इस विधेयक के प्रावधान के अनुसार अब परीक्षा में नकल करने वाले पकड़ाते हैं तो सीधे FIR होगी। इसमें एक से तीन साल की सजा और पांच से दस लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त जेल की सजा काटना होगा। विधेयक में पेपर लीक करने वाले दोषियों को आजीवन कारावास की सजा और दो से 10 करोड़ रुपए तक जुर्माना का भी प्रावधान है। नकल करने वाला परीक्षार्थी चार्जशीट दर्ज होने पर दो से पांच साल और सजा सिद्ध होने पर 10 साल तक प्रतियोगी परीक्षाओं में नहीं बैठ सकेगा।
पहली बार नकल करते पकडे जाने पर एक साल की सजा और ५ लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माने नहीं भरने पर अतिरिक्त नौ महीने की सजा काटना होगा। वहीं दूसरी बार नकल करते पकडे जाने पर पांच साल की सजा और 10 लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है। जुर्माने नहीं भरने पर अतिरिक्त ३० महीने की सजा का प्रावधान है।
अगर कोई व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, कोचिंग संस्थान या अनुबंधित व्यक्ति या परीक्षा प्राधिकरण का कोई कर्मी गोपनीयता भंग करते हुए पकड जाये है या फिर पेपर लीक करने का दोषी पाया गया तो उसे दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा मिलेगी और दो से 10 करोड़ का जुर्माना भी भरना होगा। जुर्माना की राशि नहीं भरने पर 3 साल और जेल में रहना पड़ेगा।
कोई व्यक्ति, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा संचालन से जुड़ा व्यक्ति, कोचिंग संस्थान या या परीक्षा प्राधिकरण का कोई कर्मी प्रश्न पत्रों की चाेरी, जबरन वसूली या ओएमआर सीट को अनाधिकृत रूप से नष्ट करता है तो उसे 10 साल की जेल और एक करोड़ जुर्माना लगेगा।
परीक्षा में नकल या पेपर लीक की सूचना पर मजिस्ट्रेट कहीं भी जांच कर सकेगा। अनुचित साधनों को जब्त और सम्बंधित व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगा।
जो व्यक्ति प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी कर संपत्ति अर्जित करेगा उसकी संपत्ति को सरकार कुर्क कर सकेगी।
परीक्षा डयूटी में शामिल कर्मचारियों, उनके पारिवारिक के सदस्यों, रिश्तेदारों को धमकी देना भी सजा के प्रावधान में है।
परीक्षा के संबंध में गलत सूचना प्रचारित करने वाले या परीक्षा के सम्बन्ध में अफवाह फ़ैलाने वाले को भी सजा के प्रावधान में रखा गया है।
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