रांची : झारखण्ड में पहला जनजातीय विश्वविद्यालय खुलेगा जो की पूर्वी भारत का भी पहला ट्राइबल विवि होगा।
शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन “पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजाति विश्वविद्यालय विधेयक 2021” को झारखण्ड विधानसभा बहुतमत के साथ स्वीकृति प्रदान की गयी। इस विधेयक के पारित होते ही झारखंड में पहले जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
मध्य प्रदेश के अमरकंटक में देश का पहला जनजातीय विश्वविद्यालय पहले से चल रहा है। अब दूसरा जनजातीय विश्वविद्यालय झारखंड में होगा। इसे जमशेदपुर के गालूडीह और घाटशिला के बीच निर्माण किया जा सकता है। इसके लिए 20 एकड़ की जमीन भी चिन्हित की जा चुकी है।
विवि का उद्देश्य
इस विवि का उद्देश्य जनजातीय केंद्रित समाजिक, विज्ञान, कला, संस्कृति, भाषा और भाषा विज्ञान, विज्ञान, वन अधारित गतिविधियों आदि प्रशिक्षण और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करना। आदिवासी समाज के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना है।
इन संकायों की होगी पढ़ाई
- इन संकायों की होगी पढ़ाई
- सामाजिक विज्ञान संकाय
- मानविकी संकाय
- विज्ञान संकाय
- प्रबंधन संकाय
- कंप्यूटर और सूचना विज्ञान
- जनजातीय अध्ययन संकाय
- ललित कला संकाय
- मंच कला संकाय
- शारीरिक कला संकाय
- विधि संकाय.
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