रांची : विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित झारखण्ड जनजातीय महोत्सव 2022 का मुख्य अतिथि श्री शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री श्री एवं अन्य अतिथियों ने उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने देश में 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा ” मैं इस मंच से भारत सरकार से मांग करता हूँ कि पूरे देश में 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित करनी चाहिए। वन अधिकार के जो पट्टे खारिज किये गए हैं। हम फिर से इसका रिव्यू करेंगे एवं जो भी लंबित हैं उसे 3 महीने के अन्दर पूरा करेंगे। “
उन्होंने कहा “आदिवासी कॉम एक स्वाभिमानी कॉम है, मेहनत करके खाने वाली कॉम है, ये किसी से भीख नहीं मांगती है। हम भगवान् बिरसा, एकलव्य, राणा पूंजा की कॉम हैं, जिन्हें कोई झुका नहीं सकता, कोई डरा नहीं सकता, कोई हरा नहीं सकता। हम उस कॉम के लोग हैं जो गुरु की तस्वीर से हुनर सीख लेते हैं। हम सामने से वार करने और सीने पर वार झेलने वाले लोग हैं। हम इस देश के मूलवासी हैं। हमारे पूर्वजों ने ही जंगल, जानवर, पहाड़ बचाया ? जिस जंगल-जमीन की उसने रक्षा की आज उसे छीनने का प्रयास हो रहा है। “
उन्होंने कहा “मेरे लिए मेरी आदिवासी पहचान सबसे महत्वपूर्ण है। संविधान में कई प्रावधान आदिवासी समाज के जीवन स्तर में बदलाव के लिए किए गए। परन्तु, बाद के नीति निर्माताओं की बेरुखी का फल है कि आज भी देश का सबसे गरीब, अशिक्षित, प्रताड़ित, विस्थापित एवं शोषित वर्ग आदिवासी है”
उन्होंने कहा “ट्राइबल यूनिवर्सिटी के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया है। इससे आदिवासी भाषा संस्कृति, लोक कल्याण शोध से सम्बंधित विषय को बढ़ावा दिया जाएगा। आदिवासी समाज एवं राज्य से जुड़े प्राचीन ज्ञान को संरक्षित रखने और इनकी विशिष्ट समस्याओं के समाधान को भी बल मिलेगा।”
उन्होंने कहा “जानवर बचाओ, जंगल बचाओ सब बोलते हैं पर आदिवासी बचाओ कोई नहीं बोलता। आदिवासी बचाओ। जंगल जानवर सब बच जाएगा। सभी की नजर हमारी जमीन पर है। हमारे जमीन पर ही जंगल, लोहा, कोयला है”
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