Ranchi : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर उत्पन्न हुई चुनौतियों और उससे निपटने की तैयारियों को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से बैठक की.
झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन भी वर्चुअल बैठक ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि झारखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन, इससे निपटने के लिए सरकार ने जो कार्य योजना बनाई है , उस वजह से कहीं भी किसी तरह का अफरा तफरी और भय का माहौल नहीं है। कोरोना से निपटने का सबसे सशक्त हथियार वैक्सीनेशन है।
मुख्यमंत्री ने यह बताया कि 25 दिसंबर से अब तक कोविड-19 की वजह से राज्य भर में 34 मौतें हुई है ।लेकिन इनमें से 24 वैसे लोग शामिल है जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा थी। इसके अलावा अन्य मृतक भी किसी न किसी को गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। किसी भी व्यक्ति की मौत सिर्फ कोरोना की वजह से नहीं हुई है।
कोरोना की तीसरी लहर के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों और उससे निपटने की तैयारियों मुख्यमंत्री ने रखा विचार
- मुख्यमंत्री ने कहा तीसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक और ठोस कदम उठाए जा रहे हैं । स्कूल- कॉलेज, जिम, पार्क समेत वैसे सभी संस्थान और सार्वजनिक स्थल बंद कर दिए गए हैं, जहां से संक्रमण के फैलने का खतरा ज्यादा है ।
- भीड़ भाड़ नहीं लगे, इस दिशा में भी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 80% लोगों को पहला टीका लग चुका है वही , दूसरा डोज लेने वालों की संख्या 50 प्रतिशत है ।
- 15 से 18 वर्ष के लगभग 22 प्रतिशत किशोरों ने टीके की पहली डोज़ ले ली है ।
- टीकाकरण में तेजी लाने के लिए 150 मोबाइल टीकाकरण वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है ।इसके माध्यम से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में लोगों को टीका लगाने का काम हो रहा है ।
- राज्य में अब तक 30,000 लोग बूस्टर डोज ले चुके है । मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 80 हज़ार कोरोना जांच हो रही है। जांच के लिए कई जिलों में आरटीपीसीआर के साथ अत्याधुनिक कोबास मशीन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ।
- होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित की सतत निगरानी के साथ बेहतर उपचार और मेडिकल किट की व्यवस्था की गई है।
- मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि कोरोना के शुरुआती चरण में यहां के अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में 25 सौ बेड थे, जो आज बढ़कर 25000 हो गई है ।
- प्रखंडों में भी पीएसए प्लांट लग चुके हैं , ताकि ऑक्सीजन की किल्लत मरीजों को नहीं हो।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
- उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल लगभग 31 हज़ार सक्रिय मामले हैं ।वही, करीब 11 सौ संक्रमित अस्पतालों में भर्ती हैं । इनमें से मात्र 250 मरीजों को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में दिया सुझाव
- मुख्यमंत्री ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि कुछ ऐसे लोग जो टीका की दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें लगता है कि वे अब संक्रमित नहीं होंगे ।इस वजह से सार्वजनिक स्थलों , बाजारों और सड़कों पर बिना एहतियात बरतें मूवमेंट करते रहते हैं। ऐसे लोगों में भी कुछ संक्रमित होते हैं , जो दूसरों को संक्रमित करने का काम कर रहे हैं। इन लोगों की पहचान कर इनके मूवमेंट पर रोक लगाने के लिए व्यापक रणनीति बनाने पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पहल करें, तभी संक्रमण को नियंत्रित करने में हम सक्षम होंगे ।उन्होंने इस बात से भी अवगत कराया कि झारखंड में संक्रमण के ज्यादातर मामले राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से आ रहे हैं । यहां भी निगरानी के साथ जांच की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस मौके पर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव श्री विनय कुमार चौबे और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री रमेश घोलप मौजूद थे।
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