गुरमीत सिंह उर्फ बंटी सिंह पंजाबी परिवार से होने के बावजूद भी झारखंड के कला संस्कृति को अपने रूह में इस कदर बसा लिया की जो उसे देखते वह उन्हें झारखंडी हीरो समझते। 25 साल पहले जब हमारे छोटे से शहर रांची में म्यूजिक वीडियो की शूटिंग होती थी तो यहां के लोग कलाकारों को हीरो ही कहते थे, झारखंडी हीरो। और उसी शुरुवाती दिनों से बंटी ने आम लोगों के दिलों में अपने अभिनय और डांस से जगह बनाना शुरू कर दिया था। नागपुरी, खोरठा एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाओँ के गानों ग्लैमरस का तड़का को लोगों ने काफी पसंद किया क्योंकि यह सब बॉलीवुड में ही दीखता था अब अपने झारखण्ड में भी दिखने लगा था।

विशेष रूप से नागपुरी और खोरठा के वीडियो में अपने बेहतरीन डांस स्टाइल से झारखंड में झारखंडी हीरो का दर्जा का ख़िताब भी शुरुवाती दिनों में ही उन्हें मिल चूका था । बंटी सिंह ने अपने जीवन के करीब 25 साल झारखंडी फिल्म इंडस्ट्री झॉलीवुड को दिया है। जो इनके शुरुआती दिनों के वीडियो से जानते हैं, वे इन्हें झारखंडी हीरो ही कहते हैं। अपनी बेहतरीन डांस मूव्स और स्टाइलिस्ट लुक्स के कारण यह युवा दिलों की धड़कन थे। सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, असम एवं अन्य राज्यों में भी इनके वीडियो खूब पसंद किए जाते हैं। दिल्ली, गोवा सहित देश के कई हिस्सों में स्टेज शो भी करने जाते रहते थे।

बंटी सिंह ने करीब 4000 से भी अधिक वीडियो सॉन्ग में काम किया है। इनके कुछ प्रसिद्ध वीडियो हैं जैसे मांदर बाजेला,प्यार के मोती, मंदाकिनी, असमिया छोड़ी, खोरठा भाषा मे मोर दिला के करले चोरी, मनचली,नई नवेली, रेशमी रुमाल, चलती जमाना, पूनम रे, बेदर्दी गुईया, मोर दिला काले तोड़ देले, तोर दीवाना, दिलो जान से, महुआ पत्तई, बेदर्दी गुईया, तोर दीवाना, प्रेम संदेश सहित करीब चार हजार से अधिक एलबमों में अपने डांस से झारखंडी कला प्रेमियों के दिल के धड़कन बन गए. लोग इन्हें झारखंड का सुपरस्टार कहते हैं। किसी भी गाने के वीडियों में बंटी सिंह की उपस्थिति उस विडिओ में जान डाल देती थी। वो एक बेहतरीन कोरियोग्राफर और डायरेक्टर भी थे।
और वाकई में बंटी सिंह झारखंडी हीरो है। झारखंड का सुपरस्टार है। क्योंकि बंटी सिंह ने झारखंड के क्षेत्रीय भाषाओं विशेषकर नागपुरी, खोरठा, सादरी के वीडियो में डांस करके झारखंड के कला संस्कृति को पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। डमकच, अखड़ा नृत्य को अपने डांस स्टाइल से नया रंग रूप दिया। एक बार वीडियो में डांस देख ले तो इस डांस स्टेप को युवा जरूर करते थे और अभी भी करते हैं। बहुत से कलाकार तो कहते हैं कि मुझे बंटी भैया जैसे बनना है, उनके जैसे डांस करना है।

झारखंड की कला संस्कृति और माटी को बंटी सिंह ने अपने जीवन के 22 साल दिए और इसी झारखंडी माटी में समाहित हो गए। झारखण्ड के ये पहले ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने युवा दिलों के धड़कनों में जगह बनायी है, कलाप्रेमियों के दिलों में राज किया है और हमेशा करेंगे। तभी तो फैंस उनके नहीं होने के सदमे से उबर नहीं पाए है। उन दिनों जब सीडी में वीडियोस रिलीज होते थे फैंस बेसब्री से सीडी का इंतज़ार किया करते थे। मात्र बीस रूपये में अपने पसंदीदा स्टार की वीडियों खरीद कर देखते थे।

दुख तो इस बात का है कि झारखंड के इतने अच्छे कलाकार होने के बावजूद, कला प्रेमियों के दिलों में राज करने वाले बंटी सिंह की तबीयत खराब हुई किसी को पता नहीं चला, 4 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ते रहे, फिर भी किसी को कुछ पता नहीं चला, बस खबर आई तो मौत की। बिना कुछ बोले, बिना कुछ कहे, चले गए… ना किसी से बातें कर पाए, ना किसी को देख पाए।
और वाकई में यह दुखदाई है कि दिलों में राज करने वाला कलाकार चार दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ता रहा और किसी का कुछ पता नहीं चला, केवल उनके कुछ करीबियों के। आम लोगों को और कला प्रेमियों को बस पता चलता है तो उनके जाने की बात… अचानक उनके जाने से चाहने वालों का दिल टूट गया और दिल क्यों नहीं टूटेगा। जो नाचना नहीं जानते थे उन्हें नाचना सिखाया, खुशी मनाना सिखाया, रीझ रंग करने सिखाया.. उनके जाने से दिल तो टूटेगा ही।
लेकिन कौन जानता था की कला के माध्यम से खुशियां बांटने वाला एक दिन बिन कुछ कहे, बिन कुछ बोले चला जाएगा.. और चाहने वालों के दिलों आवाज आएगी “तुम चले गए,कुछ बोला भी नहीं”

झारखंडी सुपर स्टार की अंतिम पलों की कुछ तस्वीरें


झारखण्ड सिने जगत के सुपरस्टार बंटी सिंह अपनी अल्पायु में ही हमसे रूखसत हो गये , ये झारखण्ड की अपूरणीय क्षति है । बंटी बाबू अमर रहेंगे ।






करमटोली चौक के पास श्रद्धांजलि देते हुए चाहनेवाले

( Post Written by : एडमिन ए टी :-बंटी सिंह की याद में एडमिन एटी ने इस पोस्ट को लिखा है.
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