रांची : सिल्ली से झामुमो के कद्दावर नेता अमित महतो अपनी ही सरकार से नाराज चल रहें है। अब नाराजगी चेतावनी का रूप ले चुकी है।
सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार को चेतावनी दी है की अगर उनकी मांगो को एक महीने के अंदर नहीं पूरी की गयी तो वे झामुमो पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। इसके लिए उन्होंने 20 फरवरी का दिन भी तय कर लिया है।
उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए हेमंत सरकार को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया फेसबुक और ट्विटर में लिखा है कि “अगर एक महीना के अंदर हेमंत सरकार पुनर्विचार कर खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति नहीं बनाती है और भारतीय भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा के सूची से नहीं हटाती है तो दिनांक 20-2-2022 को में जेएमएम से इस्तीफा दे दूंगा “
उन्होंने यह भी कहा है कि जेपीएससी और जेएसएससी झारखंड ही नहीं पूरे भारत की सबसे भ्रष्ट आयोग के रूप में शुमार है।
उन्होंने बीते दिनों सोशल मीडिया में पोस्ट कर कहा था “भाषा पर अतिक्रमण हमारी सभ्यता संस्कृति और पहचान मिटा देगी यह हमारी मौत का द्वार खोलेगी सिर्फ और सिर्फ झारखंडी भाषा ही हम सभी को जिंदा रख सकती है कोई दूसरा नहीं “
उन्होंने हेमंत सरकार के निजोजन निति का विरोध करते हुए कहा है “मैट्रिक और इंटर पास की नीति से नहीं बल्कि खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति में ही झारखंडी के हित निहित हैं तभी समृद्ध और खुशहाल बन पाएगा वरना संभव है।
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