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बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बहुरुपिया बताया, पूछा -संथाल परगना में कितने आदिवासियों को खदानों के ठेके दिए गए?

रांची : भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बहुरुपिया कहा है। उन्होंने कहा की “झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भ्रष्टाचारी ही नहीं बहुरूपिया भी हैं।एक ही समय मुख्यमंत्री के रूप में कांके रोड मुख्यमंत्री कार्यालय से हस्ताक्षर करते हैं साथ ही खुद पत्थर माइंस लेने के लिये हरमू हाउसिंग कालोनी के निजी पते पर पंहुच जाते है।”

बाबूलाल मरांडी ने पाकुड़ में मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा की “राज्य के मुखिया ही बहरूपिया हो, तो राज्य का भला कैसे हो सकता है? शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्य अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जहां भी जमीन लेते हैं वहां अपना पता तक गलत लिखाते हैं। मनरेगा से लेकर खदानों के ठेके पट्टे अपने चहेतों अपने रिश्तेदारों में बंट रहे हैं। कोई बता दें कि कितने आदिवासियों को संथाल परगना में खदानों के ठेके दिए गए? आज पाकुड़ की धरती से यह उलगुलान इस भ्रष्ट और निक्कमी सरकार को चेतावनी है, यह आंदोलन इस बहरूपिया सरकार को उखाड़ फेंकने तक जारी रहेगी।”

उन्होंने कहा कि ” जिस राज्य के मुखिया के ऊपर भ्रष्टाचार के इतने गंभीर आरोप लगे हो,उनको तो नैतिक रूप से पदत्याग कर देना चाहिए। अपने परिवार, प्रेस सलाहकार, विधायक प्रतिनिधि, उनकी पत्नी सबको अनुचित ढंग से लाभ पहुंचाया गया है। ऐसे लोग जबतक सत्ता के शीर्ष पर रहेंगे तो कानून का राज स्थापित नहीं हो सकता। “

वहीँ भाजपा के आरोपों को लेकर झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा भ्रम की स्थिति कर रही है और अफवाहें फैलाई जा रही है। 09A यानि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में भी कई दफा सर्वोच्च न्यायालय ने 09A/1951को स्पष्ट किया है। विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि 1964 में एक मामले में कोर्ट ने कहा था कि खनन पट्टा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट में नहीं आता है। वर्ष 2006 में भी सर्वोच्च न्यायालय ने फिर एक मामले में कहा कि खनन पट्टा ऑफिस ऑफ प्रॉफिट में नहीं आता है।

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