रांची : झारखंड के तीरंजाद विपरीत परिस्थितयों के बावजूद अपने हुनर के वजह से पहचान बना रहें हैं । स्विज़रलैंड में होने वाले जूनियर इंडिया कैंप( रिकर्व एवं कम्पाउंड ) के लिए इंडिया से टॉप सिक्स तीरंजादों का चुना गया है जिसमें झारखण्ड के ही चार तीरंजाद शामिल हैं। जिसमें कोमलिका, लक्ष्मी , दीप्ती और बबिता शामिल हैं. इसका आयोजन 20 से 27 फरवरी तक होगा।
रिकर्व के लिए कोमलिका, लक्ष्मी , दीप्ती और कंपाउंड के लिए बबिता का चयन हुआ है। दीप्ती रांची के जोन्हा और बबिता रांची के सिल्ली की हैं। कोमालिका बारी और लक्ष्मी हेम्ब्रोम दोनों जमशेदपुर की हैं और टाटा आर्चरी एकेडेमी से ट्रेनिंग ले रहीं हैं।
जमशेदपुर की तिरंजाद लक्ष्मी के माता पिता दिहाड़ी मजदुर हैं। फिर भी अपने हुनर के दम पर एशिया चैंपियनशिप में जगह बनायी। साथ ही विश्वकप तिरंजादी टूर्नामेंट में इंडिया का प्रतिनिधित्व किया। टाटा आर्चरी अकादेमी की प्रशिक्षु है ।
जोन्हा के दीप्ती के पिता ड्राइवर हैं। 12 नेशनल गेम्स में 36 पदक जीत चुकी हैं जिसमें 19 गोल्ड, 10 सिल्वर और 8 ब्रॉन्ज़ मैडल शामिल है।
बबिता किसान की बेटी है। बबिता भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुकी है।
कोमलिका के पिता ने तो बेटी के लिए घर ही बेच दिया था। कोमलिका ने विश्व युवा तीरंदाजी में गोल्ड जीतकर अपने पिता का सर ऊँचा किया है।
सभी तीरंदाज़ वर्तमान में सोनीपत में ट्रेनिंग ले रही है।
Source : Prabhat Khabar
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