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पूर्व सांसद प्रदीप बलमुचू एवं पूर्व विधायक सुखेदव भगत की कांग्रेस में रीएंट्री

कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए पूर्व सांसद डॉ0 प्रदीप कुमार बलमुचू एवं पूर्व विधायक सुखेदव भगत पुनः कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए है।

रांची : कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए पूर्व सांसद डॉ0 प्रदीप कुमार बलमुचू एवं पूर्व विधायक सुखेदव भगत पुनः कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए है। आज नए प्रभारी अविनाश पण्डे ने उनको पार्टी का पट्टा पहनाकर एवं पुष्प गुच्छ देकर कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।

इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि दोनों नेताओं के आने से पार्टी मजबूत होगी, दोनों नेता काफी अनुभवी हैं। इनके अनुभव का लाभ संगठन को मजबूती प्रदान करने एवं कांग्रेस की विचारधारा को आम जन तक पहुंचाने में मदद् मिलेगी।

इन दोनों नेताओं की विचारधारा कांग्रेस की हीं थी, किसी कारण ये कांग्रेस परिवार से अलग हो गये थे, लेकिन आज दोनों के वापस घर आने से हमसभी को हर्ष है।

प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत है। शीर्ष नेतृत्व ने जो भरोसा इन दोनों नेताओं के प्रति दिखाया है, मुझे यकीन है कि दोनों नेता शीर्ष नेतृत्व के उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। साथ हीं साथ कांग्रेस पार्टी के जनाधार को और अधिक सशक्त एवं मजबूती प्रदान की दिशा में कार्य करेंगे।

इस अवसर पर डॉ0 प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि जब मैंने पार्टी छोड़ा तो पार्टी में नहीं रहने का एहसास हुआ। ऐसा महसूस हो रहा था कि मैं बिल्कुल अकेला हो गया हूॅं। मैं अपने लोगों से बहुत दूर हो चुका हूॅं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में रहकर संगठन को मजबूती प्रदान करने का कार्य करूंगा। मैं यकीन दिलाता हूॅं कि अब दोबारा इस तरह की गलती नहीं होगी। अब जो भी होगा कि इस पार्टी में रहकर होगा और जाना है तो इसी पार्टी के ध्वज से लिपटकर अन्तिम यात्रा तय करना है। उन्होंने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी है कि मैं पुनः अपने घर एवं परिवार में वापस लौटा हूॅं।

इस अवसर पर सुखदेव भगत ने कहा कि पीढ़ी-दर-पीढ़ी मेरे डी.एन.ए. में कांग्रेस का खून शामिल है। मुझे आज हर्ष है कि मैं अपने परिवार में वापस लौटा हूॅं। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा गांधी की विचारधारा है। दूसरी ओर गोडसे विचारधारा है। गोडसे की विचारधारा को समाप्त करने के लिए पार्टी जो भी मेरी भूमिका तय करेगी, उसका बखूबी निर्वहन करूंगा। पार्टी छोड़ने के बाद ऐसा महसूस हुआ कि हमसे बहुत बड़ी भूल हुई है। मैं उस भूल को कभी दोहरा नहीं सकता। अब जो भी होगा मेरा, इसी पार्टी में होगा। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह मेरे बड़े भाई बलमुचू जी ने कहा कि अंतिम यात्रा इसी पार्टी के ध्वज से लिपटकर होगा, मैं भी उनके शब्दों की पुनरावृति करता हूॅं कि मेरा भी अंतिम यात्रा इसी पार्टी के ध्वज के साथ होगा। आज से कांग्रेस पार्टी में शून्य से शुरूआत करना है। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेवारी देगी, उसका निर्वहन करूंगा।

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